क्या शहीद हुए जवान को सोशल मीडिया पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि की पोस्ट अपलोड करने से श्रद्धांजलि मिलती होगी क्या ?
अब तक भारत माता की रक्षा के लिए कितने जवानों ने अपनी जान खुशी खुशी दे दी । दिन रात ठंड हो या बरसात अपनी जान की परवाह किए बिना जवान बॉर्डर पर अपनी जान हथेली पर लेकर खड़ा हुआ है ।
कब कहा से गोली आएगी और सीना चीर के चली जायगी इसकी परवा किए बिना जवान खड़ा है । वापस अपने घर सुरक्षित जा पायेगा या नहीं उसे ये तक पता नहीं होता । कब कहा किस वक्त क्या होगा इसका खयाल किए बिना हम यहापार सुकून से जी सके इसलिए जवान हर रोज ब्रॉडर पर अपनी जान दे देते है ।
जिस जवान ने अभी-अभी अपनी जिंदगी जीने की शुरुआत की थी , दुनिया देखनी शुरू ही कर दी थी । उससे अपनी जिंदगी सिर्फ और सिर्फ हमारी रक्षा के लिए दे दी ।
और जब कोई जवान बॉर्डर पर अपनी जान दे देता है । तो हम सब उस जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए व्हाट्सएप इंस्टाग्राम फेसबुक या जो भी हमारा सोशल मीडिया का अकाउंट उस पर 15 सेकंड या 30 सेकंड का एक वीडियो , या कोई पोस्ट तयार करते है उसके नीचे बड़े अक्षरों लिख देते है शहीद हुए जवानों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि , ऐसा लिखकर कोई वीडियो या पोस्ट अपलोड कर देते है । और उस वीडियो पर दिन भर मैं कितने व्यू, लाइक या कमेंट आते हैं , ये देखते रहते है । क्या ऐसा करने से उस जवान को श्रद्धांजलि मिलेगी ? या ऐसे हालात में उसके परिवार का सहारा बनने से , उसके परिवार की ताकत बनने से मिलेगी।
खुद को उसकी फैमिली की जगह रखकर थोड़ा सोचो हमारा क्या है हमे 1 से 2 दिनों तक दुख होता है और बाद में हम सब भूल जाते हैं । लेकिन लेकिन उसकी फैमिली को पूरी जिंदगी इसका दुख सहना पड़ता है । उसके घर वाले हर वक्त हर पल इस दुख से गुजर रहे होते हैं । जरा उस मां बाप के बारे में सोचो जिसने अपने बुढ़ापे का सहारा खोया है । जरा उस बेटे के बारे में सोचो जिसने अपने पिता का हाथ अपने सर से खो दिया है ।
जिस जवान ने अपनी जिंदगी हमारे लिए कुर्बान कर दी हम उसके लिए हमारा फर्ज बनता है कि उसके परिवार का हम सहारा बने उसके परिवार की ताकत बनकर हमेशा उनके साथ खड़े रहे ।
आपके गांव मैं ,आपके कॉलोनी मैं या आपके घर के पास ऐसे बहुत से परिवार होगे जिन्होंने अपना जवान बेटा देश की रक्षा के लिए । खो दिया है , कभी वक्त निकाल कर इन्हे मिलने जरूर जाना , इनकी मदद जरूर करना क्या पता ऐसा करने से उसके जवान बेटे को श्रद्धांजलि प्राप्त हो
हमारा तिरंगा इसलिए नहीं फहराता है कि हवा चल रही होती है, बल्कि हमारा तिरंगा उस जवान की आखिरी सांस से फहराता है, जो हमारे तिरंगे की रक्षा के लिए अपने प्राणों को युही न्योछावर कर देता है।
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