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जुलाई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Prem ganupathay dosa plaza success story / प्रेम गणपति

 परिचय   प्रेम गणपति जी ऐसे इंसान हैं जिनके पास एक वक्त का खाना खाने की भी पैसे नहीं बचे थे । इन्होंने खुद के दम पर करोड़ों रुपए की कंपनी खड़ी कर दी है । आज उनकी कंपनी पूरे विश्व में प्रचलित है ।   उन्हें कहीं मुसीबतों का सामना करना पड़ा था लेकिन वह हर वक्त उस मुसीबतों से लड़ते रहे और सक्सेस की तरफ बढ़ती रहे है । और यह आज एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन बन गए ।  बचपन  प्रेम गणपति जी का जन्म 1973 में तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले मैं स्थित एक छोटे से गांव नागलपुरम मैं हुआ । उन्हें कुल 6 भाई और एक बहन थी उनके माता-पिता किसान थे । और खेती करके ही अपने परिवार का पेट पालते थे ।   प्रेम गणपति जी की स्कूल की पढ़ाई उनके ही गांव में हुई उन्होंने अपनी पढ़ाई दसवीं तक पूरी की और उसके बाद पढ़ाई करनी छोड़ दी और एक छोटे से कॉफी शॉप में काम करना शुरू कर दिया उनका काम काफी अच्छा चल रहा था तभी एक  दिन उनकी मुलाकात कॉफी शॉप में एक आदमी सी हुई जोकि मुंबई से आया हुआ था उसने प्रेम गणपति जी को कहा कि तुम मुंबई चलो तुम्हें वहां पर अच्छी सैलरी मिलेगी ऐसा सपना दिखाकर प्रेम गणपति जी को अपने साथ मुंबई लेकर चला गया । उनकी उम्

Success story of Paresh rawal

परिचय  एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे परेश रावल बचपन से ही एक्टिंग की तो काफी आकर्षित थे । हिंदी गुजराती तेलुगू अंग्रेजी और मराठी फिल्मों में अपना किरदार निभा चुके हैं ।  परेश रावल फिल्मों में खलनायक ,हास्य कलाकार आदि के रूप में अपना किरदार निभा चुके हैं ।  जिसके कारण उन्हें अब तक कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं । उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया है । उन्होंने फिल्म करियर के  साथ-साथ  राजनीति में भी अपना करियर बनाया है ।  बचपन 30 मई 1950 भारत के मुंबई शहर में एक मध्यवर्गीय परिवार में परेश रावल का जन्म हुआ । उनके पिता का नाम दयालाल रावल है ।और वे  एक जगह पर काम किया करते थे । और आगे चलकर उन्होंने आपको ना खुद का एक स्टील रीड का बिजनेस शुरू किया था । उनकी माता का नाम धनलक्ष्मी है । और वह गृहणी थी। उनके अलावा उन्हें एक छोटा भाई और 2 बहने है । एक छोटी और एक बड़ी ।  अभिनय करने का कैसे शौक लगा ?  परेश रावल की उम्र 12 से 13 साल की रही होगी तब उनके घर के बगल के ग्राउंड पे एक ओपन  ड्रामा कंपटीशन थी । यह कॉन्पिटिशन उनके घर के बगल में रहने के कारण उन्हें और उनके परिवार वाल

Mirabai chanu success story

 परिचय  मीराबाई चानू एक भारतीय वेटलिफ्टिंग गेम्स की एक खिलाड़ी है । इन्होंने हाल ही में भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक 49 किलोग्राम वर्ग वेटलिफ्टिंग में  हिस्सा लेकर भारत के लिए सिल्वर मेडल हासिल किया है । भारत के लिए वेटलिफ्टिंग मैं सिल्वर मेडल हासिल करने वाली प्रथम महिला है ।  उन्होंने अब तक के हुए बहुत से वेटलिफ्टिंग गेम्स ओलंपिक मैं हिस्सा लेकर सिल्वर मेडल , गोल्डन मेडल हासिल किए हैं । जिसके कारण उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया है।  बचपन   मीराबाई चानू का पूरा नाम साइखोम मीराबाई चानू है । इनका जन्म 8 अगस्त 1994 भारत के मणिपुर , इम्फाल के एक छोटे से गांव में मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था । इनके पिता का नाम साइकोंह कृति मैतेई है । जो कि एक पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट में काम करती थे । और उनकी मां का नाम साइकोंह ऊँगबी तोम्बी लिमा हैं । जो कि एक ग्रहणी होने के साथ-साथ एक दुकान चलाने का काम करती थी । उनके अलावा उन्हें दो भाई और दो बहने है ।  मीराबाई चानू बचपन से ही काफी एक्टिव रही है । उनकी    आर्थिक परिस्थिति अच्छी ना होने के कारण वे अपने भाइयों के साथ पहाड़ के लकड़िया

Abby viral struggle story / Abby viral success story

 परिचय  अभी वायरल का असली नाम अभिनव प्रतीक है । लेकिन लोग उन्हें अभी वायरल के नाम से जानते हैं । ये एक सक्सेसफुल यू ट्यूबर है । यूट्यूब ज्वाइन करने  से  पहले उन्होंने huppme  नाम की एक कंपनी शुरू की थी ।  यह कंपनी इन्होंने  8  हजार रुपए से शुरू की थी । और हां जिनके कंपनी का टर्नओवर करोड़ों रुपए में है । यह कंपनी शुरू करने में उन्हें बहुत सी मुसीबतों का सामना करना पड़ा , उन्हें कंपनी शुरू करने में फाइनेंशली भी काफी प्रॉब्लम आई थी ।  बचपन  अभी वायरल का जन्म आगरा में 1994 हुआ था । उनके पिता जॉब करते थे और उनकी मां एक गवर्नमेंट जॉब करती थी। अभी वायरल बताते है की मैं जब छोटा था तब मेरे  परिवार का हर कोई  सदस्य जॉब करता था  । मेरे परिवारों में से किसी ने भी बिजनेस नहीं किया था । मेरे  परिवार वाले बिजनेस से ज्यादा जॉब करने में ज्यादा यकीन रखते थे ।  उन्होंने अपनी 12th की पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद  इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन की पढ़ाई कंप्लीट करने के लिए एक कॉलेज में अपना एडमिशन लिया । और बॉइज् होस्टेल मैं रहने के लिए चले गए । तब वह सोचती थी कि अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट करके मैं कोई अच्छी सी 30 हजार ,

sylvester stallone kaise bane actor ? Sylvester Stallone struggle story

 परिचय  सिल्व्हस्टर स्टेलोन  का पूरा नाम माइकल सिल्व्हस्टर गार्डनजिओ  स्टैलॉन है । लेकिन लोग उन्हें सिल्व्हस्टर स्टेलोन के नाम से जानते है ।  वो आज दुनिया के  बेहतरीन  एक्टरों  में से एक माने  जाते  है । उन्होंने यह मुकाम कड़ी मेहनत , कंसिस्टेंसी , और पॉजिटिविटी से यह मुकाम हासिल किया है ।  बचपन  सिल्व्हस्टर स्टेलोन का 6 जुलाई 1946 मैं हुआ । जब उनका जन्म हुआ तब डिलीवरी में कुछ कॉम्प्लिकेशंस हो गए थे , डॉक्टरों  द्वारा डिलीवरी करते समय एक चिमटी का उपयोग करते समय उनकी नस टूट  गई जिसके कारण  उनका आधा चेहरा पैरालाइज हो गया था ।   उनके जन्म होने के कुछ सालो बाद  उनके माता-पिता का किसी कारण तलाक हो गया जिसके कारण उन्हें मां बाप का प्यार ठीक से नहीं मिल पाया । उनके मां-बाप का तलाक होने के बाद उन्होंने फिलाडेल्फिया मैं  नोट्रे डेम नाम की अकादमी और लिंकन हाई स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की । वह पढ़ाई में इतनी अच्छी नहीं थी उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था । पढ़ाई करने से ज्यादा एक्टिंग करने में ज्यादा इंटरेस्ट था । बचपन से ही एक्टिंग करने का बड़ा शौक था ।  एक्टिंग सिख ली    पढ़ाई में दिलचस्पी ना होने

Army / जवान / सैनिक

क्या शहीद हुए जवान को सोशल मीडिया पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि की पोस्ट अपलोड करने से श्रद्धांजलि मिलती होगी क्या ?  अब तक भारत माता की रक्षा के लिए कितने जवानों ने अपनी जान खुशी खुशी दे दी । दिन रात  ठंड हो या  बरसात अपनी जान की परवाह किए बिना जवान बॉर्डर पर अपनी जान हथेली पर लेकर खड़ा हुआ है ।  कब कहा से गोली आएगी और सीना चीर के चली जायगी  इसकी परवा किए बिना जवान खड़ा है । वापस अपने घर सुरक्षित जा पायेगा या नहीं उसे ये तक पता नहीं होता । कब कहा किस वक्त क्या होगा इसका खयाल किए बिना हम यहापार सुकून से जी सके इसलिए जवान हर रोज ब्रॉडर पर अपनी जान दे देते है ।  जिस जवान ने अभी-अभी अपनी जिंदगी जीने की शुरुआत की थी , दुनिया देखनी शुरू ही कर दी थी । उससे अपनी जिंदगी सिर्फ और सिर्फ हमारी रक्षा के लिए दे दी ।  और जब कोई जवान बॉर्डर पर अपनी जान दे देता है । तो हम सब उस जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए व्हाट्सएप इंस्टाग्राम फेसबुक या जो भी हमारा सोशल मीडिया का अकाउंट उस पर 15 सेकंड या 30 सेकंड का एक वीडियो , या कोई पोस्ट तयार करते है उसके नीचे बड़े अक्षरों लिख देते है शहीद हुए जवानों को भावपूर

Mohamed siraj kaise bane indian cricket team ke tej gendbaaz ? Struggle story of Mohamed siraj

परिचय  मोहम्मद सिराज भारतीय टीम के युवा तेज गेंदबाज है आज वह  कामयाबी की बुलंदी को छू रहे हैं लेकिन उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए  काफी मेहनत और स्ट्रगल किया है ।  वह भारतीय  क्रिकेट टीम के  ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने कभी क्रिकेट एकेडमी में ट्रेनिंग नहीं ली वह अपनी खुद की मेहनत  और प्रैक्टिस के कारण ही यहां तक पहुंच पाए हैं । उनके पास इतने पैसे नहीं थी कि वह किसी क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करके उसकी फीस भर सके  अपने इतने कठिन हालात होते हुए भी उन्होंने कभी-भी हार नहीं मानी और आगे बढ़ते रहें ।  बचपन मोहम्मद सिराज का जन्म 13 मार्च 1994 में हैदराबाद में हुआ उनके परिवार में उनके अलावा उनके बड़े भाई और माता-पिता रोते हैं। उनके भाई का नाम इस्माइल है । उनके पिता मोहम्मद घौस हैदराबाद शहर में ऑटो रिक्शा चलाने का काम किया करते थे ।  और उनकी माता शबाना बेगम लोगों के घर में नौकरानी का काम किया करती थी । उनके पास खुद का घर ना  होने के कारण वह हैदराबाद के बंजारा हिल्स  इलाके मैं एक छोटी सी  किराए के  मकान में रहते थे । सिराज का बचपन यही  पर गुजरा है।  क्रिकेट खेलना उन्हें बचपन से ही बहुत पसंद था । सि

T. Natarajan kaise bane indian cricket team ke tej gendbaaz ? Struggle story of T. Natarajan

परिचय  नटराजन का पूरा नाम थंगरासू  नटराजन  है । लेकिन लोग उन्हें टी नटराजन के नाम से जानते हैं । नटराज बाएं हाथ के तेज गेंदबाज है ।  और उन्हें टीम इंडिया का नया  यॉर्कर किंग भी कहा जाता है उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट टीम की शुरुआत 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए की । ने यह मुकाम हासिल करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आगे बढ़ते रहें । उन्होंने पहली बार 20 साल की उम्र में लेदर बॉल देखी थी , इससे पहले वह टेनिस बॉल से ही क्रिकेट खेलते थे ,उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह लेदर बॉल  खरीद सके । नटराजन उस परिवार से है जहां पर उन्हें  दो वक्त का खाना बड़े  मुश्किल से मिलता था । अपने परिवार की इतनी कठिन हालात होते हुए भी उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है ।  बचपन  नटराजन का जन्म 27 मई 1991 भारत की तमिलनाडु राज्य की सलीम जिले के पास चिन्नापपत्ती  के एक छोटे से गांव में हुआ । नटराजन अपनी पांच भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं उनको तीन बहने और एक छोटा भाई है । उनके पिता  एस थंगरासू  एक कंपनी में पावरलूम चलाने का काम करते थे । इस काम से घर का खर्च नहीं निकलता थ

Football player Lionel Messi struggle story / बचपन में कभी भेजनी पड़ी थी चाय

परिचय  मेसी का पूरा नाम लियोनेल आंद्रेस मेसी है। मेसी को अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक माना जाता है । और इनके नाम एक साल मैं  सबसे जाता फुटबॉल गोल बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। जिसके कारण इनका नाम गिनीज बुक में दर्ज किया गया है लियोनेल मेसी एक लौते फुटबॉल प्लेयर है जिनके पास 6 गोल्डन शू  अवार्ड है  । और उन्होंने   6 ballon d'or  अवार्ड जीतकर कही  रिकॉर्ड बनाए हैं ।  आज मेसी की फैन फॉलोइंग इतनी ज्यादा है कि कुछ साल पहले अर्जेटीना के गवर्नमेंट को एक रूल बनाना पड़ा था जिसके चलते कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चों का नाम मेसी नहीं रख सकते । क्योंकि वहां पर मेसी नाम के इतने सारे लोग हो गए थे की । आगे चलकर सब की पहचान करना खतरे मैं पढ़ सकती थी ।  बचपन  मेसी का जन्म 24 जून 1987 मैं अर्जेंटीना देश के रोसारियो शहर में हुआ था । इनके पिता जॉर्ज मेसी फैक्ट्री में मजदूर का काम करते थे । और मां से सेलिया  मारिया हाउस सर्विस का काम करती थी । मेसी के अलावा उन्हें रोड्रिगो और मैट्रियास नाम के दो बड़े भाई और मारिया सोल नाम की एक बहन भी है।   घर में पैसों की कमी  काफी थी लेकिन मसीह के

Success story of Srikanth bolla / नेत्रहीन होते हुए भी कैसे खड़ी कर दी करोड़ों रुपयों की कंपनी ?

परिचय   श्रीकांत बोला एक ऐसे इंसान हैं जिन्होंने नेत्रहीन होते हुए भी करोड़ों रुपए की कंपनी खड़ी कर दी और  उनकी कंपनी में रतन टाटा ने भी 1.3 मिलियन डॉलर का  इन्वेस्ट किया है । इस कंपनी के जरिए श्रीकांत बोला अपने जैसे शारीरिक रूप से अक्षम लोगों की मदद कर रहे हैं ।  आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उनके माता-पिता एक  किसान थे और और उनकी सालाना कमाई 20 हजार रूपए से भी कम थी । बचपन   श्रीकांत बोला का जन्म 7 जुलाई 1992 मैं आंध्र प्रदेश के सीतारामपुरम मछलीपट्टनम  मैं एक छोटे से गांव में हुआ । जब श्रीकांत  का जन्म हुआ तब वह जन्म से ही वह नेत्रहीन थे ।इसी कारण  गांव वालोने  और उनके रिश्तेदारों  ने उनके माता-पिता से कहा कि यह लड़का आपका सहारा बनने की जगह एक दिन  तुम्हारे ऊपर बोज बनेगा । ये तुम्हारे किसी काम का नही है । तुम इसे मार दो , इसे मार देना ही सही होगा ।  लेकिन श्रीकांत के माता पिता  इस बात से सहमत नहीं थे ।  उन्होंने गांव वाले और रिश्तेदारों की बात अनसुनी कर दी । और श्रीकांत का पालन पोषण आम बच्चों की तरह करने लगे। श्रीकांत के माता-पिता एक किसान थे जो कि अपनी खेती से लगभग   सालाना 20 हजार स

Brahmanandam kaise bane comedian actor / जीवित अभीनेताओं में से सबसे अधिक में करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड कैसे बनाया ब्रह्मानंदम ने ??

परिचय  टॉलीवुड फिल्मों के कॉमेडी किंग कहलाने वाले ब्रह्मानंदम ऐसे कॉमेडियन है कि  फिल्मों में उनके कुछ बोलने से पहले ही उन्हें देखकर ही हंसी आती है । इनका नाम जीवित अभिनेताओं में से सबसे अधिक फिल्में करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है  । इसी कारण इनका नाम गिनीज बुक में दर्ज किया गया है । और सिनेमा जगत के योगदान के लिए उन्हें 2009 में भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया है।  आज ब्रह्मानंदम भारत के सबसे बड़े हास्य कलाकार हैं और वन ऑफ द हाईएस्ट पैड कॉमेडी एक्टर्स भी है । लेकिन क्या आपको यह बात पता है ब्रह्मानंदम भारत के उन अभिनेताओं में से एक हैं जिनका शुरुआती जीवन काफी कठिनाइयों  से भरा गुजरा है।  बचपन ब्रह्मानंदम का पूरा नाम  ब्रह्मानंदम कन्यकांति  है । इनका जन्म 1 फरवरी 1956 मैं आंध्र प्रदेश गुंटूर ,सत्तेनापल्ली  जिले  मैं एक छोटे से गांव मुपलला मैं हुआ ।  उनके पिता का नाम नागालिगाचारी और मां लक्ष्मीनरसम्मा है  ।  बचपन से ही उन्हें एक्टिंग करने का बहुत शौक था । लेकिन अपने परिवार की आर्थिक परिस्थिति खराब होने के कारण उन्हें फिल्मी दुनिया में जाने के लिए घर से कोई प्रोत्साहन नहीं मिल

dharmesh sir /struggle story of dharmesh sir / रोड पर मिसल पाव बेचने से लेकर कोरियोग्राफर, एक्टर बनने तक का सफर

परिचय    आज dharmesh sir सक्सेसफुल एक्टर ,डांसर और कोरियोग्राफर है । बॉलीवुड मैं वह अपने hip hop डांस के लिए जाने जाते है । एक बहुत ही कठिन परिस्थिति से बाहर आकर उन्होंने अपना एक अस्तित्व निर्माण किया । अपना खर्च निकालने के लिए सड़क पर मिसल पाव बेची , पियून का जॉब किया । शुरुवाती जीवन  धर्मेश सर का जन्म 3 अक्टूबर 1983 मैं बड़ौदा सिटी, गुजरात में हुआ।  इनका पूरा नाम धर्मेश येलांदे है लेकिन इन्हें दुनिया dharmesh sir  के नाम से बुलाती  है। उन्हें कुल दो भाई और एक बहन है । पिता अपने घर का खर्च निकालने के लिए बड़ौदा सिटी के रोड पर एक चाय का ठेला चलाते थे । और उनकी मां हाउसवाइफ थी।  बचपन में धर्मेश सर को उनके माता-पिता पिंटू के नाम से बुलाते थे ।  धर्मेश सर जब 6-7 साल के थे  तब उनकी  डांस के प्रति अपनी मेहनत और लगन देखकर उनके पापा ने कैसे भी पैसे का बंदोबस्त कर के  डांस क्लास । डांस क्लास उनके घर से लगभग 10 किलोमीटर दूर था । तो धर्मेश सर के  पापा रोज उन्हें साइकिल पर डांस क्लास छोड़ने जाते और लेने जाते थे । उनके डांस टीचर कृष्णा सर बताती है कि धर्मेश सर के पापा  क्लास लगाने के लिए आए तब क्ल

Success story of Cristiano Ronaldo ? Mali ke bete se lekar duniya ke sabse bade football player banane tak ka safar

  cristiano ronaldo का जीवन परिचय  आज फुटबॉल के सबसे बड़े खिलाड़ी है क्रिस्टियानो रोनाल्डो  और  हर फुटबॉल लवर की दिल की धड़कन है । उन्होंने अपने कठिन परिश्रम और लगन के कारण वो मुकाम हसिल किया है , जो हर एक खिलाड़ी का सपना होता है । एक छोटेसे मकान मैं टपकती टीन की छत मैं रहने वाले क्रिस्टियानो रोनाल्डो आज अरबों के बगले में रहते है ,करोड़ों रुपयों की गाड़ियों में सफर करते है , और आज फुटबॉल के सबसे महंगे खिलाड़ी है । बचपन   क्रिस्टियानो रोनाल्डो  का जन्म 5 फरवरी 1985 को पुर्तगाल के शहर अंचल मैं हुआ । इनका पूरा नाम क्रिस्टियानो रोनाल्डो डॉस संतोष एवेयरो है जो की इनके पिता ने अमेरिका के 40 वे राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के नाम पर रखा था ।  रोनाल्ड रीगन अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पहले फिल्मों मैं एक्टर का काम करते और क्रिस्टियानो रोनाल्डो के पिता के फेवरेट एक्टर थे । इसीलिए क्रिस्टियानो रोनाल्डो का नाम रोनाल्ड रीगन के नाम पर रखा था ।  उनके पिता जोस डिनिस एवेइरो अपना घर चलाने के लिए पुर्तगाल के  नगर निगम मैं एक माली का काम करते  वहापार पार्क मैं पौधो की कटाई करना और पानी देने का काम किया करते

Sonu sood biography / sonu sood kaise bane acter

जीवन परिचय   सोनू सूद एक फिल्म एक्टर है जो तेलगु ,कन्नड़ , तमिल और हिंदी फिल्मे करते है । हॉलीवुड फिल्म मैं भी इन्होंने काम किया है । सोनू सूद ज्यादातर फिल्मों मैं खलनायक का किरदार निभाते हुए नजर आते है । लेकिन रियल लाइफ मैं किसी नायक से कम नहीं है । गरीबों की मदत करना इनको काफी अच्छा लगता है । कोरोना काल मैं लॉकडॉन के दौरान 35 से 40 हजार लोगों खाना फ्री मैं बाटने का काम किया अपने गांव से बाहर काम करने के लिए गए प्रवाासी मजदूरों को और   विदेश पढ़ने के लिए गए छात्र को लॉकडाउन के समय सुरक्षित अपने घर पहुंचाने का काम किया ।  बचपन  सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई 1973 मैं भारत के लुधियाना पंजाब , मोगा मैं हुआ ।  इनको 2 बहने है , मालविका और मोनिका सोनू सूद  ने अपना बचपन गोगा अपने माता पिता के सात गुजारा । उनके पिता का शक्ति सागर सूद  कपड़े की दुकान चलाते थे । और उनकी मां कॉलेज मैं प्रोफेसर थी ।  उनकी मां चाहती थी की सोनू सूद अपने लाइफ मैं कुछ बड़े बने ।  शिक्षा   सोनू सूद ने अपनी प्राथमिक स्कूल की पढ़ाई सेक्रेड हार्ड स्कूल मोगा मैं पूरी की । और आगे की पढ़ाई के लिए नागपुर के यशवंतराव चव्हाण  कॉ