परिचय
प्रेम गणपति जी ऐसे इंसान हैं जिनके पास एक वक्त का खाना खाने की भी पैसे नहीं बचे थे । इन्होंने खुद के दम पर करोड़ों रुपए की कंपनी खड़ी कर दी है । आज उनकी कंपनी पूरे विश्व में प्रचलित है ।
उन्हें कहीं मुसीबतों का सामना करना पड़ा था लेकिन वह हर वक्त उस मुसीबतों से लड़ते रहे और सक्सेस की तरफ बढ़ती रहे है । और यह आज एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन बन गए ।
बचपन
प्रेम गणपति जी का जन्म 1973 में तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले मैं स्थित एक छोटे से गांव नागलपुरम मैं हुआ । उन्हें कुल 6 भाई और एक बहन थी उनके माता-पिता किसान थे । और खेती करके ही अपने परिवार का पेट पालते थे ।
प्रेम गणपति जी की स्कूल की पढ़ाई उनके ही गांव में हुई उन्होंने अपनी पढ़ाई दसवीं तक पूरी की और उसके बाद पढ़ाई करनी छोड़ दी और एक छोटे से कॉफी शॉप में काम करना शुरू कर दिया उनका काम काफी अच्छा चल रहा था तभी एक दिन उनकी मुलाकात कॉफी शॉप में एक आदमी सी हुई जोकि मुंबई से आया हुआ था उसने प्रेम गणपति जी को कहा कि तुम मुंबई चलो तुम्हें वहां पर अच्छी सैलरी मिलेगी ऐसा सपना दिखाकर प्रेम गणपति जी को अपने साथ मुंबई लेकर चला गया । उनकी उम्र मात्र 17 साल थी ।
मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पहुंचने पर प्रेम गणपति जी को वह व्यक्ति अकेला छोड़कर चला गया । उससे वह अलग हो गए । उन्होंने उसे भूलने की बहुत कोशिश की रेलवे स्टेशन पर हर जगह उसे ढूंढते रहे लेकिन उस इंसान का कहीं पता नहीं चल रहा था। उनका सारा सामान भी चोरी हो गया था उसके पास पैसे भी नहीं थे । उन्हें अच्छी तरह से हिंदी या मराठी बोलनी नहीं आती थी।
ऐसे में वह भीड़ भाड़ , नया शहर देखकर बहुत डर गए मुंबई में उन्हें कोई पहचानता भी नहीं था। खुद के पास इतनी भी पैसे नहीं थे कि वापस घर जा सके । उनके पास पहने हुए कपड़ों के अलावा कुछ और नहीं बचा था ।
ऐसे हालात में वो ट्यूशन पर ही रोने । तब उन्हें एकदम व्यक्ति मिला जो तमिल भाषा बोलता था । उनसे प्रेम गणपति जी ने मदद मांगी और उन्हें अपनी पूरी कहानी बताई कि कैसे मुंबई आए आने के बाद क्या हुआ । इंसान ने उनकी वास्तुसिद्धि समझ कर उन्हें समझाया और कहा कि चिंता मत करो तुम्हारा रिटर्न टिकट में मैं निकल देता हु और तुम्हें वापस तुम्हारे घर भेज देता हूं ।
लेकिन प्रेम गणपति जी ने वापस जाने से इंकार कर दिया और मन ही मन सोचने लगी कि मैं मुंबई क्यों आया था ? ऐसा सवाल को सही करने लगे । मैं मुंबई जिस के लिए आया था वह काम पूरा करूंगा। ऐसा मन ही मन सोच कर मुंबई में ही रुके रहे।
बर्तन धोने का काम किया
काम की तलाश करनी शुरू कर दी रेस्टोरेंट ,शॉप, बेकरी शॉप सब जगह पर काम की तलाश में भटकते रहे । उन्हें एक जगह बेकरी शॉप में बर्तन धोने का काम मिला और उन्होंने उस काम को स्वीकार किया और वह काम करते चले गए ।
वेटर का काम किया
बेकरी शॉप में कुछ दिनों तक काम करने के बाद उन्होंने अपने क्यों चेंज कर दी और ए टी शॉप में वेटर का काम करने लगे । उन्होंने वहां पर कस्टमर के साथ अपना रिलेशन कैसे बनाती है , उन्हें कैसे खुश रखते हैं यह सब उन्होंने अच्छे से सीख लिया था । जिसके कारण बाकी वोटरों के मुकाबले प्रेम गणपति जी को सबसे ज्यादा टिप्स मिलने लगी थी ।
पार्टनरशिप में टी स्टॉल ओपन की
उनका वेटर का काम काफी अच्छी सी चल रहा था । तभी उन्हें एक दिन उनके किसी कस्टमर ने एक ऑफर दी कि हम 50% -50% की पार्टनरशिप में एक टी शॉप ओपन करेंगे । टी शॉप ओपन करने में जो कोई भी खर्च होगा वह सब मैं कर लूंगा तुम्हें सिर्फ हमारी टी शॉप चलानी है ।
प्रेम गणपति जी इस प्रस्ताव को खुशी-खुशी मान गए और उन दोनों ने मिलकर एक टी शॉप ओपन की और उनके बिजनेस की शुरुआत हो गई । उनका धंधा काफी अच्छे से होने लगा , दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा था । यह देखकर शॉप का मालिक लालच में आ गया और सोचने लगा कि मैं प्रेम गणपति जी को अपना 50% मुनाफा क्यों दूं ? यहां तो सब मेरा ही है । ऐसा सोचकर प्रेम गणपति जी को आपको नींद टी शॉप से निकाल दिया पार्टनरशिप तोड़ दी।
इडली डोसा का ठेला शुरू किया
पार्टनरशिप से निकाल देने के बाद वह फिर रोड पर आ गए थे । फिर से काम ढूंढना शुरू कर दिया । लेकिन उन्होंने अंत में सोचा कि अगर मैं किसी और का बिजनेस चला सकता हूं तो मैं अपना खुद का बिजनेस क्यों नहीं चला सकता ? जो हुआ सो हुआ चलो ठीक है मुझे वहां पर इतना तो पता चला कि मैं अपना खुद का बिजनेस चला सकता हूं ।
उनके पास उस वक्त सेविंग किए हुए एक हजार रुपए थे । फिर वह सोचने लगे कि मैं इस एक हजार रुपए का उपयोग अपने बिजनेस में कैसे करूं । अपना बिजनेस कैसे आगे बढ़ाऊ। फिर उन्होंने मुंबई के वासी sector17 में एक जगह पर अपनी एक चोटासा इडली डोसे का ठेला खेला शुरू किया ।
उनका यह बिजनेस अच्छा चल रहा था और धीरे-धीरे आगे भी बढ़ रहा था वह डोसा काफी टेस्टी बनाया करती जिसके कारण उनके ठेले पर दिन-ब-दिन लोग बढ़ते रहते थे । उनको लोग अच्छी तरह से जानने लगी थी अच्छी खासी पहचान बनने लगी थी जिसके कारण उनके ठेले पर भीड़ होने लगी थी
प्रेम गणपति जी को वहां पर अच्छी खासी इनकम भी मिलने लगी थी लेकिन तभी उन्हें मुलसी पार्टी वालों ने परेशान करना शुरू कर दिया और उन्होंने प्रेम गणपति जी को वहां से अपना ठेला हटाने को कहा मजबूरन उन्हें मुलसी पार्टी वालों की बात मानकर अपना ठेला हटाना पढ़ा ।
Dosa plaza की शुरुआत
अपना ठेला बंद होने के बाद वह इडली का स्टॉल डालने के लिए एक फिक्स जगह ढूंढने लगे थे । ताकि उनका इडली का स्टॉल फिक्स जगह पर रहे । इसीलिए उन्होंने एक जगह हम रेंट पर ली और वहां पर अपना इडली का स्टॉल खोला और उसे नाम दिया प्रेम गणपति साउथ इंडियन फास्ट फूड बाद में आगे चलकर इसी नाम को चेंज करके dosa plaza kar दिया था । उनका धंधा काफी अच्छे से चल रहा था और धंधे में दिन-ब-दिन ग्रोथ हो रही थी ।
लेकिन वह सोच रही थी कि मैं अपना बिजनेस और आगे कैसे बढ़ाऊगा, दौसा के अंदर और क्या हो सकता है ?मैं क्या क्या कर सकता हूं ? ऐसा सोचकर उन्होंने डोसे पर अलग-अलग एक्सपिरिमेंट करना शुरू कर दिया डोसे के अंदर अलग-अलग कॉन्बिनेशन करने लगे और एक्सपेरिमेंट करके उन्होंने डोसे की अलग-अलग 27 वैराइटीज बनाई । जिसके कारण उनका बिजनेस तेजी से बढ़ने लगा उनका बिजनेस पहले से काफी गुना ज्यादा चल रहा था ।
पूरे विश्व मैं फैला dosa plaza
एक दिन उनके किसी कस्टमर नहीं ने कहा कि यहां पर सेंट्रल वन नाम का एक मॉल खुल रहा है । अगर तू वहां पर अपनी डोसे की शॉप खोलोगे तो तुम्हारा बिजनेस और आगे बढ़ सकता है ।
प्रेम गणपति जी ने उस कस्टमर की बात मानकर सेंट्रल 1 नाम के मॉल में अपनी डोसे की शॉप शुरू कर दी । वहां पर भी उन्होंने अपना चमत्कार दिखाना शुरू कर दिया था उनका बिजनेस काफी ग्रो होने लगा था । धीरे-धीरे उनकी टीम बढ़नी शुरू हो गई । उनका बिज़नेस बढ़ता गया । जिसके कारण उनकी इनकम भी अच्छी होने लगी ।
उन्होंने ब्रांडिंग के ऊपर भी अच्छा खासा फोकस किया आपने वेबसाइट बनाई आपने शॉप का लोबो तैयार किया ताकि लोग और बड़े , और आकर्षित हो । प्रेम गणपति जी ने 5 साल में 26 आउटलेट्स ओपन कर दिए । धीरे-धीरे इनका dosa plaza बिजनेस पूरे इंडिया में रहा था ।
इसके अलावा इंडिया के बाहर भी प्रेम गणपति जी ने अपना dosa plaza का बिजनेस शुरू किया आज इनका बिजनेस पूरी दुनिया में फैला हुआ है और इनके कंपनियों में हजारों लोग काम करते हैं ।
आज प्रेम गणपति जी के dosa plaza के बिजनेस का मंथली टर्नओवर करोड़ों रुपए में है । और प्रेम गणपति जी आज इंडिया के सक्सेसफुल उद्योगपतियों में से एक माने जाते है ।
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