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Avani lekhara / अपाहिज होते हुए भी इंडिया के लिए दिलवाया पहला गोल्ड मेडल और बनाया एक नया इतिहास

 परिचय  अवनी लेखरा भारतीय महिला पैरा राइफल निशानेबाज की खिलाड़ी है । उन्होंने हाल ही में टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं के 10 मीटर ए आर स्टैंडिंग एमएच -1 में गोल्ड मेडल जीता है और एक नया इतिहास बनाया है । भारत के पैरा ओलंपिक इतिहास में भारत का निशानेबाजी में यह पहला गोल्ड मेडल है ।  जन्म /परिवार  अवनी लेखरा का जन्म 8 नवंबर 2001 मैं भारत के जयपुर राजस्थान में हुआ । इनके पिता का नाम प्रवीण लेखरा है तथा मां का नाम श्वेता लेखरा है । उनका पूरा परिवार जयपुर में रहता है । अवनी ने अपनी प्राथमिक पढ़ाई पूरी करने के बाद । राजस्थान के विश्वविद्यालय जयपुर ( यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान जयपुर ) से लॉ की पढ़ाई पूरी कर रही है ।  कहां से मिली शूटिंग की प्रेरणा  अवनी जब 12 साल की थी जब अपने पापा के साथ जयपुर से धौलपुर का सफर कर रही थी । इसी दौरान रास्ते में ही वह एक बड़ी दुर्घटना का शिकार हुई । इस दुर्घटना में उनके पिता को ज्यादा चोट नहीं आई जिसके कारण वह जल्दी ठीक हो गए । लेकिन अवनी की इस दुर्घटना में रीड की हड्डी टूट गई जिसके कारण वह जिंदगी भर के लिए चलने फिरने के लिए असमर्थ हो गई। इस हादसे के कारण वह अंदर से

James Dyson / 5 हजार बार फेल हुये फिर भी बना दी अरबो डॉलर की कंपनी / Dyson vacuum cleaner company का सबसे बड़ा रहस्य

परिचय जेम्स डायसन ब्रिटेन के एक कामयाबी उद्योगपति है साथ ही आज इनकी  गिनती दुनिया के अरबपति उद्योगपतियों में होती है जेम्स डायसन आज पूरी दुनिया में ,दुनिया की नंबर वन वैक्यूम क्लीनर कंपनी डायसन बनने  के लिए जाने जाते है । लेकिन आपको ये बात जान कर हैरानी होगी की इन्हे अपना पहला वैक्यूम क्लीनर बनाने के लिए 5 हजार से भी ज्यादा भर फेल होना पड़ा था । आगर इनकी जगह पर दूसरा कोई होता तो कब का हार मान गया होता ।  जन्म जेम्स डायसन का जन्म 2 मई 1947 मैं क्रोमर अमेरिका में हुआ था । जब वह छोटे थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई । जेम्स डायसन बचपन से काफी जिद्दी किस्म के लड़के थे । उन्होंने कभी भी अपने हालात के सामने घुटने नहीं टेके । उनकी बचपन से ही डिजाइनिंग मैं रुचि रही है । उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई खत्म करने के बाद रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट से डिजाइनिंग की डिग्री हासिल की ।  लोग जेम्स डायसन को पागल समझने लगे  जेम्स डायसन जब 30 साल के थे। तब उन्हें वैक्यूम क्लीनर बनाने का आईडिया आया । वैक्यूम क्लीनर पहले से ही बाजार में उपलब्ध था । लेकिन यह ऐसा वैक्यूम क्लीनर  बनाना चाहते जिसकी बार-बार बैग बदलने ना पड़

serena williams life story /प्रेग्नेंट होने के बाद भी कैसे जीता खिताब

 परिचय  सेरेना विल्यम्स अमेरिकन टेनिस खिलाड़ी है  उन्होंने महज 4.5  साल की उम्र में ही अपना पहला टूर्नामेंट जीत लिया था । महिला और पुरुष दोनों वर्गों मैं एक मात्र खिलाड़ी है जिन्होंने 2005 के सभी चारों ग्रैंड स्लैम खिताब जीतकर गोल्डन स्लैम पूरा किया है । उन्होंने अब तक 23 ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किए है । 2020 फोर्ब्स के टॉप 100 रिचेस सेल्फ मेड वुमन अमेरिकी लिस्ट मैं इनका नाम आया था ।सेरेना विश्व की नंबर वन टेनिस खिलाड़ी रह चुकी है । शुरुआत में इन्हे अफ्रीकन अमेरिकन होने के कारण कई टूर्नामेंट में काफी सारी बुरी चीजों का सामना करना पड़ा था । इस आर्टिकल मैं हम इनकी लाइफ के स्ट्रगल के बारे में जानेंगे । जन्म / परिवार   सेरेना विल्यम्स  का जन्म 20 सितंबर 1981 मैं सीगीनॉ मिशीगन अमेरिका में हुआ था । अपने पांच बहनों में वह सबसे छोटी थी । उनके पिता का नाम रिचर्ड विल्यम्स है तथा मां का नाम औरेसीन है । सेरेना विलियम्स और उनकी बहन ने जब युवा थी तभी उनका पूरा परिवार लॉस एंजिल्स जाकर बस गया था। उनके पिता का हमेशा यह सपना था कि उनकी पांच बेटियों में से कोई एक बेटी टेनिस  की चैंपियन बने । साडे चार

Life story of sadio mane / ऐसा संघर्ष आपने कभी नहीं देखा होगा / यह सच्ची कहानी पत्थर दिल इंसान को भी पिघलने पर मजबूर कर देगी

 परिचय  सदियों माने दुनिया के बेस्ट फुटबॉल प्लेयर में से एक है । प्रीमियर लीग क्लब लीवरपूल और सेनेगल की राष्ट्रीय टीम के लिए मिल्ड फिल्डर के रूप में खेलते है । उन्हें फुटबॉल की दुनिया का जादूगर भी कहा जाता है । यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा है। फुटबॉल खेलने के लिए उनके पास अच्छे जूते ना होने के कारण वे ऐसे फटे जूते पहनकर फुटबॉल की प्रेक्टिस किया करते थे जिसे पहनकर हम ठीक से चल भी नहीं सकते है ।  जन्म /परिवार  सदियों माने  का जन्म 10 अप्रैल 1962 में अफ्रीका के एक छोटे सेधिऔ सेनेगल गांव में हुआ । उनके पिता का नाम मैडी तौरे  है । तथा मां का नाम साटू तौरे है । उनका परिवार काफी गरीब था ।  ऐसा कहा जाता है कि उनके गांव में कोई सुख सुविधा नहीं थी । ऐसे में वहां के बच्चे अपनी जिंदगी क्या बना सकते हैं । वहां के लोगों के इतने कठिन हालात थे कि उन्हें कभी कभी दो वक्त का खाना भी ठीक से नसीब नहीं होता था । ऐसे में वहां के लोग मिट्टी खाकर अपना पेट भरा करते थे । उनमें से ही एक सदियों माने और उनका परिवार था । आप ऐसे में अंदाजा भी नहीं लगा सकती कि कोई इतना भी मजबूर होगा कि उसे अपना

Khaby lame Life story / क्यू हुआ ये बन्दा इतना फेमस / टिक टॉक से कैसे कमाता है करोड़ों रुपए /

 परिचय  खाबी लमे इटालियन टिक टॉक स्टार ,वीडियो क्रिएटर और युटुब क्रिएटर है । दोस्तों भारत में भले ही टिकटोक बैन हुआ हो लेकिन कई देशों में टिक टॉक अभी भी चल रहा है । खाबी लमे दुनिया के सबसे फेमस टिक टॉक स्टार में से एक है । इन्होंने मार्च 2020 मैं अपनी नौकरी खो देने के बाद टिक टॉक पर अपना करियर शुरू किया।  और इनके टिक टॉक पर 1.5 साल के अंदर ही 77,000,000 फॉलोअर्स बढ़ गए थे । जो  एक आम इंसान के लिए असंभव है । आज के वर्तमान समय में 105 मिलियन से भी ज्यादा इनके फॉलोवर्स बढ़ गए हैं । आज इनके इतने फॉलोअर्स होने के कारण आज वे टिक टॉक पर सेकंड हाईएस्ट है । खाबी लमे ने आज टिक टॉक से 18 महीनों से कम समय में $ 2,000,000 तक कमाई कर ली है । खाबी लमे ने यह पैसा बिना एक शब्द बोले कमाया है । मैं टिक टॉक पर हास्य व्यंग , और DIY कास्ट वीडियो पर प्रतिक्रिया देने वाली वीडियो बनाते हैं । उनके यह वीडियो लोग काफी पसंद करते हैं जिसके कारण खाबी लमे आज किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं है ।  दुनिया में ज्यादातर लोग फोन का उपयोग कॉलिंग के लिए और मनोरंजन के लिए करते हैं । लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इसका उपयोग अपनी जिंद

Struggle story of basketball player michael jordan /life changing story / पत्थर को भी पिघला देने वाली सच्ची कहानी

परिचय  माइकल जॉर्डन अमेरिका के बास्केटबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं ।जिन्होंने अब इस खेल से संन्यास लिया है । माइकल जॉर्डन को विश्व के सर्वश्रेष्ठ बास्केटबॉल के खिलाड़ी कहा जाता है । साथ ही इन्हें बास्केटबॉल का भगवान भी कहा जाता है । अमेरिका के बास्केटबॉल खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले वे पहले व्यक्ति है । अपने शानदार खेल से दुनिया के इतिहास में बास्केटबॉल खेल के कई सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं । माइकल जॉर्डन करते  है कि जहां आपकी पॉजिटिव सोच होती है वहां रास्ते अपने आप होते हैं ।  माइकल जॉर्डन वो इंसान हैं जिन्होंने बास्केटबॉल के 90 हजार शॉट्स मिस कर दिए थे । 300 गेम्स में हार कर 26 विनिंग शॉट मिस करने के बाद भी इन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे ।  बास्केटबॉल के खेल के शुरुआत में इनके जेम्स शार्ट सही नहीं थे इसीलिए माइकल पूरे ऑफ सीजन में रोज 100 से भी ज्यादा जेम्स शार्ट की प्रैक्टिस किया करते थे । उन्होंने ऐसा तब तक किया जब तक उनके जेम्स शॉट्स पूरी तरह से परफेक्ट नहीं बन चुके थे ।  जन्म /परिवार माइकल जॉर्डन का जन्म 17 फरवरी 1963 में अमेरिका के न्यूयॉर्क ब्रुकलिन मैं हुआ

Success story of gautam adani / गरीबी से लेकर इंडिया के दूसरे अमीर इंसान बनने तक का सफर / 100 रुपयों से की थी शुरुवात

 परिचय  गौतम अदानी इंडिया के उद्यमी और स्वयं निर्मित अरबपति है । इसके साथ ही इनका नाम इंडिया के सबसे अमीर ओं की लिस्ट में दूसरे स्थान पर आता है । गौतम अदानी , अदानी ग्रुप के अध्यक्ष है इनका अडनी ग्रुप पूरे विश्व भर में फैला हुआ है ।  जन्म , परिवार गौतम अदानी का पूरा नाम गौतम शांतिलाल अदानी है । इनका जन्म 24 जून 1962 में भारत के अहमदाबाद गुजरात में हुआ । इनके पिता का नाम शांतिलाल जैन है और मां का नाम शांता जैन है । माता-पिता के अलावा उन्हें ही 7 भाई बहन भी है । गौतम अदानी का पूरा परिवार मिडल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करता था । इनके पिता कपड़े के व्यापारी थे और मां हाउसवाइफ थी । पूरा परिवार अहमदाबाद के रतनपोल  में स्थित सेट पोल चावल में रहता था ।  शिक्षा  गौतम अदानी की आरंभिक शिक्षा सेठ चमन लाल विद्यालय में हुई । आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने गुजरात यूनिवर्सिटी अहमदाबाद में बीकॉम के लिए एडमिशन लिया । जिस समय गौतम अदानी अपनी बीकॉम की पढ़ाई पूरी कर रहे थे उसी समय उनके परिवार में आर्थिक तंगी आ गई जिसके कारण उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देनी पड़ी ।  जेब में 100 रुपए लेकर आए थे मुंबई   गौत

Life story of neeraj chopra / struggle story /नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय / एक किसान का बेटा कैसे बना गोल्ड मेडलिस्ट

 परिचय नीरज चोपड़ा ट्रैक और फील्ड एथलीट प्रतिस्पर्धा में भाला फेंकने वाले खिलाड़ी है । इन्होंने अब तक कई सारे गोल्ड मेडल जीते हैं 220 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक में 87. 58 मीटर भाला फेंक इन्होंने भारत को गोल्ड मेडल दिलवाया । नीरज विश्व चैंपियनशिप तपस्थली पिक्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं । आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि पहला एथलेटिक्स गोल्ड मेडल अंजू बॉबी जॉर्ज ने जीता था । नीरज ने खेल के अलावा इंडियन मिलिट्री में भी अपना योगदान दिया है , इंडियन मिलिट्री में ये एक सुभेदार है ।   जन्म /परिवार नीरज चोपड़ा का जन्म 24  सितंबर 1997 भारत के हरियाणा राज्य के पानीपत जिले के एक छोटे से खंडरा गांव में हुआ । इनके पिता का नाम सतीश कुमार चोपड़ा है , और मां का नाम सरोज देवी है । इनके पिता खेती बाड़ी का काम करते हैं यानी की  किसान है और मां हाउसवाइफ है । नीरज को दो बहनें हैं जिनका नाम संगीता चोपड़ा और सरिता चोपड़ा है । शिक्षा  नीरज ने अपनी पब्लिक स्कूल की पढ़ाई हरियाणा से की है , और आगे की पढ़ाई बीबीए कॉलेज से की इसी कॉलेज से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट करके ग्रेजुएशन की डिग्री भ

Success story of shakira / shakira biography , age , lifestyle , struggle , waka waka girl story

परिचय  शकीरा का पूरा नाम शकीरा इसाबेल रिपोल  है । जो कि एक कोलंबियन पॉप सिंगर, सोंग कंपोजर सॉन्ग राइटर और डांसर है शकीरा ने अब 2 म्यूजिक ग्रैमी अवार्ड जीते है और 7 लेटिन ग्रैमी पुरस्कार जीते हैं साथ ही इनका नाम गोल्डन ग्लोब पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया है । इसके साथ ही वह आज तक की सर्वाधिक बिक्री वाली कोलंबियाई कलाकार है । इसके अलावा शकीरा दक्षिण अमेरिका की एकमात्र कलाकार है जो अमेरिकी बिलबोर्ड हॉट हंड्रेड , ऑस्ट्रेलियाई ARIA चार्ट और  ब्रिटेन सिंगर चार्ट में पहले स्थान तक पहुंच चुकी है ।  सिंगिंग की दुनिया में इनका नाम काफी मशहूर है । दोस्तों ,ज्यादातर लोग गरीबी से अमीरी तक का सफर करते हैं । लेकिन शकीरा ने अमीरी से गरीबी तक का सफर 8 साल की उम्र में ही देख लिया था । इनकी लाइफ में कई सारी मुश्किलें आई लेकिन इन्होंने कभी हार नहीं मानी बल्कि मुसीबतों का डटकर सामना किया ।  बचपन शकीरा का जन्म 2 फरवरी 1977 में बेरेंकिया , कोलंबिया में हुआ था। इनके पिता का नाम विलियम मेबारक छदिद है । तथा मां का नाम निडिया रिपोल है।  शकीरा अपने मां-बाप की इकलौती संतान है।  ऐसा कहा जाता है कि उनके

muniba mazari success story / life story /विकलांगता के साथ संघर्ष और विजय /पाकिस्तान की आयरन लेडी , wheelchair model , motivational speaker

परिचय    मुनीबा मजारी वर्ल्ड फेमस पेंटर ,पाकिस्तान की फर्स्ट व्हीलचेयर मॉडल और पाकिस्तान की पॉपुलर टीवी एंकर है । जो कभी खुद के लिए कुछ नहीं कर सकती थी आज कईयों के लिए रोल मॉडल बन गई है । इन्ह सभी के चलते उन्हे  पाकिस्तान की आयरन लेडी कहा जाता है साथ ही वह संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की नेशनल एम्बेसडर है ।  मुनिबा ने  आज जो मुकाम हासिल किया है वह मुकाम हासिल कर पाना इनके लिए असंभव था ,लेकिन इन्होंने असंभव को संभव कर दिखाया और लोगों के सामने अपनी पहचान बनाई ।  बचपन  मुनिबा मजारी का जन्म 3 मार्च 1987 पाकिस्तान देश बलूचिस्तान मैं हुआ । इन्हें दो भाई हैं जिनका नाम जुल्फिकार अली मजारी और सरफराज अली मजारी है । मुनिबा को बचपन से ही पेंटिंग करने का बहुत शौक था । उन्हें बड़े होकर एक पेंटर बना था । लेकिन  परिवार इसके खिलाफ था ,परिवार  रूढ़ी वादी खयालो का था  । मुनिबा को  परिवार की मर्जी के बिना कुछ भी करने का अधिकार नहीं था उन्हें बचपन से अपने परिवार वालो  के हिसाब से चलना पड़ा ।  एक्सीडेंट का हुईं भयंकर शिकार जिसके कारण जिंदगी भर व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा ,मां बनने की उम्मीद भी खो दी। मुनि

Struggle story of the arijit Singh /अरिजीत सिंह से द अरिजीत सिंह बनने तक कापूरा सफर

 परिचय   अरिजीत सिंह , द अरिजीत सिंह नाम से जानने वाले  भारत के सुप्रसिद्ध सिंगर है । इन्होंने बॉलीवुड म्यूजिक इंडस्ट्री के अलावा , इंडियन फिल्म की  हर म्यूजिक इंडस्ट्री में अपनी एक पहचान बनाई है । अपने गानों के जरिए करोड़ों लोगों का दिल जीता है ।  आज इनके करोड़ों लोग फैन है । लेकिन इन्हें यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें कितना संघर्ष करना पड़ा ये बात बहुत कम लोग जानते हैं ।  बचपन /परिवार  अर्जित सिंह का जन्म 5 अप्रैल 1987 मैं भारत की पश्चिम बंगाल , मुर्शिदाबाद मैं हुआ था । उनके पिता का नाम कक्कड़ सिंह है । तथा मां का नाम अदिति सिंह है । पिता एलआईसी एजेंट में नौकरी करते थे । और मां हाउसवाइफ थी । पुणे अमृता सिंह नाम की एक बहन भी है ।   सिंगर बनन का शौक किस कारण लगा ? अरिजीत सिंह के  घर में पहले से ही सिंगिंग की तरफ काफी आकर्षण था । उनकी दादी इंडियन क्लासिकल म्यूजिक में वेलट्रेन थी । इसके अलावा उनकी मां को भी सिंगिंग का बहुत शौक था साथ ही वह अच्छी सी सिंगिंग भी कर लेती थी । उनकी दादी जब छोटे थे तब उन्हें गाने गाकर सुनाती थी इसी कारण अरिजीत सिंह का भी मन सिंगिंग की तरफ अट्रैक् होने लगा था ।

struggle story of sparsh shah / 14 साल की उम्र में ही बने रैपर ,मोटिवेशनल स्पीकर / कैसे किया परेशानियों का सामना

 परिचय  स्पर्श शाह ने  14 साल की उम्र में ही अपनी दुनिया के सामने एक अलग पहचान बनाई है । रैपर, सिंगर के साथ-साथ एक मोटिवेशनल स्पीकर भी है । इसके अलावा उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े रैपर  एमिनेम का एक लोकप्रिय सॉन्ग not afraid सॉन्ग को उन्होंने एमिनेम से भी तेज गाया है । जिसके कारण पूरी दुनिया इनकी  फैन बन गई है ।  स्पर्श शाह ने इतनी कम उम्र में इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है जो मुकाम हासिल कर पाना उनके लिए लगभग असंभव था । क्योंकि वह  ऑस्टियोपोरोसिस इम्परफेक्टा  नाम की बीमारी से पीड़ित थे । इस बीमारी के चलते इंसान की हड्डियां काफी कमजोर होती है । जिसे जोर से हाथ मिलाने से भी शरीर की हड्डियां तूट सकती है । ऐसे पेशेंट को बिस्तर या व्हीलचेयर पर ही रहना पड़ता है ।  स्पर्श शाह चलना फिरना तो बहुत दूर , वह ठीक से उठ - बैठ  तक नहीं सकते थे । 13 साल की उम्र तक उन्हें 135 वर्ष ह चुके थे साथ ही 8 से 9 सर्जरीया भी हुई थी । जिसके कारण उनके शरीर में कई रॉड और स्क्रु है । इसी वजह से उन्हें  बिस्तर या व्हीलचेयर पर ही रहना पड़ता है । उनके साथ इतना सब कुछ होने के बाद भी वह अपना जीवन बड़ी खुशियों से जीते ह

Struggle story of Jim Carrey/success story of comedian actor jim carrey

 परिचय  जिम कैरी का पूरा नाम जेम्स यूजीन कैरी है । और वह एक अमेरिकन कॉमेडियन एक्टर है ,जो अपनी कॉमेडी के कारण जानी जाती है। जिम कैरी अपने बचपन से ही कॉमेडी की तरफ आकर्षित थे । उन्हें बचपन से ही अपने खुद पर काफी विश्वास रहता था ।  बचपन जिम कैरी का जन्म 17 जनवरी 1962 में न्यूमार्केट कनाडा के ऑन्टेरियो मैं हुआ।  उनके पिता का नाम पर्सी कैरी है और मां का नाम कैथलीन कैरी है । जिम कैरी को तीन बड़े भाई और एक बहन है। उनके पिता म्यूजिशियन की एक छोटी सी नौकरी किया करती थे। लेकिन किसी कारण इनकी यह नौकरी छूट गई थी । रहने  के लिए खुद का घर नहीं था । खुद के पास इतनी भी पैसे नहीं थे कि कोई घर किराए से ले सके इसीलिए उनका पूरा परिवार एक वैन में किराए से रहता था । म्यूजिशियन की नौकरी छूटने के बाद उनके पिता ने सफाई की नौकरी करनी शुरू कर दी टॉयलेट ,वॉशरूम साफ किया करते थे। ऐसे हालात में भी उन्होंने जिम कैरी को स्कूल भेजना शुरू कर दिया । स्कूल में उनके साथ टीचर ने एक डील की हुई थी। आगर वे क्लास में शांत बैठे रहते तो उन्हें स्कूल छूटने के 5 मिनट पहले बच्चों के सामने परफॉर्म करने का मौका मिलेगा । जिम कैरी इन्

Success story of Eminem / rap god Eminem / Eminem struggle story

 परिचय  एमिनेम एक अमेरिकन रैपर है जिसे पूरी दुनिया रैप गॉड के नाम से जानती है । एमिनेम 21 वी सदी के बेस्ट म्यूजिक सेलिंग आर्टिस है और इन्हे दुनिया का सबसे बड़ा रैपर कहा जाता है । इन्होंने अब तक 15 ग्रैमी अवार्ड जीते है । ग्रैमी अवार्ड , म्यूजिक का सबसे बड़ा अवार्ड होता है । Eminem का पूरा नाम marshall bruce  mathers  बचपन  एमिनेम का जन्म 17 अक्टूबर 1972 अमेरिका में सेंट जोसेफ मिसौरी मैं हुआ । एमिनेम के जन्म के वक्त उनकी मां केवल 16 साल की थी और 72 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद वह एमिनेम को जन्म दे पाई थी । एमिनेम जब 6 महीने के थे तब उनके पिता घर छोड़ कर चले गए और दूसरी शादी कर ली । जिसके कारण एमिनेम अपने पिता की शक्ल तक देख नहीं पाए थे ।  पिता के घर छोड़ जाने के बाद पैसों की कमी आने लगी इसीलिए एमिनेम और उनकी मां डैबी अब नौकरी की तलाश में लगातार एक शहर से दूसरे शहर भटकते रहे । इसके कारण उनके साल में दो से तीन स्कूल बदलते थे जिसके कारण एमिनेम अपना कोई  बेस्ट फ्रेंड नहीं बना पाए । जिसे अपनी हर बात शेयर कर सके ।  ब्रेन की सीरियस इंजरी हुई नौकरी की तलाश में फाइनली अमेरिका के डेट्रॉयट मिशिगन 

success story of p.v sindhu

परिचय  पी.वी सिंधु का पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है । पुसरला इनका सरनेम है । हिंदू 21वीं सदी की सबसे प्रसिद्ध भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी है और ये  बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल और ओलपिक सिल्वर मेडल जीतने वाली भारतीय पहली महिला है । साथ वर्तमान के रैंक में इनका नाम 7 वे स्थान पर आता है ।  इन्होंने जापान में चल रहे टोक्यो ओलंपिक 2020 में ब्रोंज मेडल हासिल किया है। रियो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनकी कास्ट को सबसे ज्यादा गूगल पर सर्च किया गया था । इन्हें अब तक ही अवार्ड  और पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।  परिवार / बचपन पी.वी सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 भारत में आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में हुआ । इनके पिता का नाम पी.वी रामन और मां का नाम पी . विजया है । इनके माता-पिता दोनों ही नेशनल लेवल के वॉलीबॉल के खिलाड़ी रह चुके हैं । इनके पिता भारतीय वॉलीबॉल टीम के सदस्य थे और उन्होंने अपने शानदार खेल से 1986 मैं सिओल एशियन खेल में ब्रोंज मेडल हासिल किया था । खेलों में अपना योगदान देने के लिए उन्हें भारत सरकार ने 2002 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था ।   मात

Success story of Rajkumar Rao

 परिचय   राजकुमार राव का असली नाम राजकुमार यादव है । राजकुमार राव भारतीय फिल्म अभिनेता है । 2010 में आई फिल्म लव सेक्स और धोखा से अपने अभिनय की शुरुआत की थी । शहीद फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है । राजकुमार राव नई पीढ़ी के जाने माने अभिनेता और में से एक है।  परिवार   राजकुमार राव का जन्म 31 अगस्त 1984 भारत हरियाणा के गुड़गांव के एक मध्यम परिवार मैं हुआ । इनके पिता का नाम सत्य पाल यादव है और ये हरियाणा के रेवेन्यू डिपार्टमेंट में  पटवारी का किया करते थे । और उनकी मां का नाम कमलेश यादव यादव है और वह  गृहणी है । उनके अलावा उन्हें एक भाई है जिसका नाम अमित यादव ,और एक बहन है जिसका नाम मोनिका  यादव है ।  एक्टिंग करने का शौक कैसे लगा ? राजकुमार राव के  परिवार में दूर-दूर तक कोई फिल्म इंडस्ट्री में नहीं था । लेकिन उनका पूरा परिवार फिल्म देखना काफी पसंद किया करता था । हर सेटरडे और संडे को वीसीआर लगाके चार से पांच फिल्में देखा करते थे । राजकुमार राव फिल्मों के किरदारों की कॉपी करते और उनकी तरह एक्टिंग करने की कोशिश किया करते । इसी कारण उनका एक