परिचय
मेसी का पूरा नाम लियोनेल आंद्रेस मेसी है। मेसी को अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक माना जाता है । और इनके नाम एक साल मैं सबसे जाता फुटबॉल गोल बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। जिसके कारण इनका नाम गिनीज बुक में दर्ज किया गया है लियोनेल मेसी एक लौते फुटबॉल प्लेयर है जिनके पास 6 गोल्डन शू अवार्ड है । और उन्होंने 6 ballon d'or अवार्ड जीतकर कही रिकॉर्ड बनाए हैं ।
आज मेसी की फैन फॉलोइंग इतनी ज्यादा है कि कुछ साल पहले अर्जेटीना के गवर्नमेंट को एक रूल बनाना पड़ा था जिसके चलते कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चों का नाम मेसी नहीं रख सकते । क्योंकि वहां पर मेसी नाम के इतने सारे लोग हो गए थे की । आगे चलकर सब की पहचान करना खतरे मैं पढ़ सकती थी ।
बचपन
मेसी का जन्म 24 जून 1987 मैं अर्जेंटीना देश के रोसारियो शहर में हुआ था । इनके पिता जॉर्ज मेसी फैक्ट्री में मजदूर का काम करते थे । और मां से सेलिया मारिया हाउस सर्विस का काम करती थी । मेसी के अलावा उन्हें रोड्रिगो और मैट्रियास नाम के दो बड़े भाई और मारिया सोल नाम की एक बहन भी है।
घर में पैसों की कमी काफी थी लेकिन मसीह के पिता ने यह ठान लिया था कि वह अपने बच्चों को हर वह सुविधा देंगे कि जो उन्हें भविष्य में उससे आगे की ओर ले की जाएगी । बचपन में मेसी अपनी दादी के काफी लाडले थे । उनकी दादी उनकी हर ख्वाहिश पूरी करने का प्रयास करती थी । की दादी का उन्हें हर वक्त सपोर्ट करता था । उनकी दादी के कहने पर ही मेसी को पहली बार फुटबॉल किड्स दिलाई गई थी । उनके परिवार में उस समय उनकी दादी ही ऐसी थी जो हमेशा चाहती थी कि मेसी एक फुटबॉलर बने ।
मेसी जब 4 साल के थे तभी उनके पिता ने उन्हें पहली बार एक लोकल फुटबॉल क्लब ग्रैंडलियो में दाखिल करवाया था । मेसी ने 8 साल की उम्र में अपने शहर रसरियो के फुटबॉल क्लब न्यूवेल ऑन बॉयज की तरफ से खेलने लगे थे उनका फुटबॉल ही जीवन बन गया था । वह इतनी छोटी सी उम्र में ही फुटबॉल की प्रैक्टिस बिना थके बिना रुके दिन-रात करते थे ।
मेसी जब 10 साल की थी तभी उनकी दादी का निधन हो गया इसके कारण मैं सी काफी दुख महसूस कर रहे थे। और उन्होंने उसके बाद कई दिनों तक फुटबॉल खेलना छोड़ दिया था । लेकिन उनके पिता के समझाने के बाद उन्होंने फिर से फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया ।
चाय और कॉफी सर्व की
अपनी दिनभर की फुटबॉल ट्रेनिंग खत्म होने के बाद जो समय उनके पास बचता तो वह एक दुकान पर चाय और कॉफी सर्व करने का काम करते थे । ताकि वह अपने परिवार की थोड़ी आर्थिक मदत कर सके और साथ ही साथ आपने फुटबॉल ट्रेनिंग का खर्च निकाल । सके ।
Growth hormone deficiency बीमारी का शिकार हुए
मेसी जब 11 साल के हुए तो उन्हें growth hormone deficiency बीमारी का पता चला । इस बीमारी के चलते उनकी हाइट बढ़नी रुक गई थी । इस बीमारी को ठीक करने में जो ट्रीटमेंट थी वह काफी खर्चीली थी । उनके ट्रीटमेंट का खर्च लगभग हर महीने 15 सो डॉलर था । और मेसी की फैमिली आर्थिक रूप से इतनी अच्छी नहीं थी कि वह इस बीमारी के ट्रीटमेंट का खर्च उठा सके ।
मेसी को यह बीमारी होने के बाद भी उन्होंने फुटबॉल खेलना कभी नहीं छोड़ा । वह अपनी फुटबॉल की प्रैक्टिस में कोई कमी नहीं आने दे रहे थे । वह अभी भी अपनी उम्र के लड़कों की तुलना में काफी अच्छा फुटबॉल खेल रहे थे । लेकिन उनकी कम हाइट के कारण उन्हें अर्जेटीना के रिवर प्लेट क्लब द्वारा रिजेक्ट कर दिया । लेकिन उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी और अपनी फुटबॉल की प्रेक्टिस करते रहे ।
मेसी जब 13 साल के थे तभी उनके खेल से प्रभावित होकर । उनके किसी प्रशासक ने बार्सिलोना यूथ एकेडमी के खेल निर्देशक कॉस डिस्कॉयक्ट को मेसी के अद्भुत खेल के बारे में बताया । जिसके बाद उन्होंने मेसी का मैच देखा और मैच देखकर काफी प्रभावित भी हुए । और उन्होंने बर्सिलोना टीम के लिए मेसी को लिया । जिसके लिए उन्होंने मेसी के परिवार वालों से एक एग्रीमेंट साइन किया था । जिसमें लिखा था कि मैं सी के बीमारी का पूरा खर्च हमारी टीम उठाएगी लेकिन मैं सी को स्पेन आकर बर्सिलोना टीम की तरफ से खेलना होगा । इस एग्रीमेंट को मेसी के परिवार वालों ने खुशी-खुशी मान लिया और मेसी को स्पेन भेजने के लिए तैयार हो गए ।
मेसी जब 14 साल के थे तभी वह अपने परिवार के साथ स्पेन चले गए और उन्होंने बार्सिलोना युक्त अकैडमी LA MASIA के युवा टीमों मैं खेलना शुरू कर दिया । दिनभर की कड़ी फुटबॉल ट्रेनिंग के बाद हर रोज रात को एक पैर इंजेक्शन 7 दिनों तक लगवाया करते और अगले 7 दिन दूसरे पैर पर लगाते थे ।
बार्सिलोना क्लब के लिए पहली बार खेले
2003 में 16 साल की उम्र मैंने सी पहली बार बार्सिलोना क्लब के लिए खेलने लगे । और उनके टीम थी पोटो यह मैच उन्होंने काफी अच्छी तरह से खेला था । इसके कारण उनके मैच से सभी प्रभावित हुए थे ।17 अगस्त 2005 , 8 साल की उम्र में उन्होंने हंग्रके के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला । उनका खेल दिन-ब-दिन अच्छा चल रहा था । और उनकी पेट में भी काफी अच्छी चल रही थी। और उसमें काफी सुधार भी आने लगा था।
उन्होंने अपने शानदार खेल सी बार्सिलोना को सन 2008 में और 2009 में तीसरी बार चैंपियन बनाया था ।
सबसे ज्यादा फुटबॉल गोल बनायेेे
2012 में उन्होंने इस पूरे एक साल मैं 91 फुटबॉल गोल करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था । जिसके कारण उनका नाम गिनीज बुक में दर्ज किया गया । जर्मनी के जाने माने फुटबॉल प्लेयर ग्रड मूलर का रिकॉर्ड तोड़ा था जिन्होंने 1972 मैं 1 साल में कुल 85 गोल बनाकर यह रिकॉर्ड बनाया था ।
25 साल की उम्र में मेसी 200 सो बोल कर की करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए थे । और लगातार चार FIFA पुरस्कार जीतकर एक रिकॉर्ड बनाया था । और वह तीन यूरोपीयन गोल्डन शू पुरस्कार जीतने वाले पहले खिलाड़ी भी है ।
16 फरवरी 2013 को उन्होंने बार्सिलोना क्लब के लिए खेलते हुए अपना 300 सो गोलपुरा किया और स्पेनिसा लाल लिंगा में 300 गोल करने वाले एकमात्र खिलाड़ी बन गए ।
2014 के विश्वकप में मेसी के कप्तानी मैं रहते हुए अर्जेटीना ने अपना फाइनल सफर पूरा किया और अपने शानदार प्रदर्शन के कारण उन्हें गोल्डन बॉल के खिताब से नवाजा गया ।
2019 मैं कॉप्स द्वारा हाई पेड़ एथलिस्ट की सूची में कुल आये 127 मिलियन डॉलर के साथ वह नंबर वन पर थे । मेसी ने अपने शानदार खेल के कारण कही रिकार्ड बनाये है । आदमी से एक महान फुटबॉलर में से एक है ।
लियोनेल मेसी जब 13 साल के थे तब उन्होंने बार्सिलोना क्लब ज्वाइन किया था । वे तब से लेकर आज तक लगातार इसी क्लब के लिए खेलते आ रहे हैं । उन्होंने इस क्लब के अलावा और किसी भी क्लब को आज तक ज्वाइन नहीं किया । उन्हें इसके लिए कई बड़े-बड़े ऑफर भी आए थे । लेकिन उन्होंने इसके लिए साफ इंकार कर दिया था । लेकिन यह क्लब काफी कर्ज में डूबा है और वह मेसी जैसे बड़े प्लेयर का खर्चा नहीं उठा सकता । इसीलिए मेसी को यह क्लब छोड़ने के लिए कहा गया था । तब मेसी क्लब की यह हालत देखकर 50% चार्ज में ही खेलने के लिए राजी हो गए थे । लेकिन बहुत से ऐसे नियम है जिसके कारण ऐसा करना नामुमकिन था । इसीलिए मेसी को मजबूरन यह क्लब छोड़ना पड़ा । इसके लिए वे काफी रोए भी थे । इस क्लब में उन्होंने आपने ने 21 साल बिताए हैं ।
Leo Messi Foundation की स्थापना
लिओ मेसी फाउंडेशन की स्थापना उन्होंने 2007 में की यह फाउंडेशन गरीब , असहाय और जरूरत मन बच्चों की मदद करता है और उन्हें आगे बढ़ाने और उनके टैलेंट को बाहर निकालने का मौका भी देता है ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें