सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Success story of virat kohli / कैसे बने इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान ?

Date of birth (जन्म) : 5 नवंबर 1988 

              nickname ( उपनाम) : चीकू,  रन मशीन

परिवार : 

 Father     (पिता)   प्रेम कोहली    
 Mother    (माता )  सरोज कोहली 
 Brother   (भाई)    विकास        
 Sister       (बहन)   भावना 
 Wife         ( पत्नी ) अनुष्का शर्मा ( बॉलीवुड अभिनेत्री)   
 Daughter( मुलगी)  वामिका कोहली 



बचपन

 विराट के पिता  अपराधिक वकील और माता  गृहणी है । उनके माता पिता के अनुसार विराट जब 3 साल के थे तभीसे उन्हें क्रिकेट का बहुत बड़ा शौक था । इतनी छोटी सी उम्र मैं ही विराट ने आपने हात मैं क्रिकेट बैट लेकर आपने पिता को बॉलिंग करने कहा था । 

विराट का बचपन दिल्ली के उत्तम नगर मैं बिता । विराट को क्रिकेट खेलते थे एक दिन उनके पड़ोसियों ने आकर विराट के पिता से कहा की विराट अच्छा क्रिकेट खेलता है । उसे गली में क्रिकेट खेल के अपना समय नहीं व्यर्थ करना चाहिए उसे किसी क्रिकेट अकादमी  में भेजकर क्रिकेट अच्छे से सीखना चाहिए । तभी उनके पिता ने विराट को  9 साल की उम्र मैं ही याने कि 1948 मैं  पश्चिमी दिल्ली क्रिकेट अकादमी में शामिल कर दिया।विराट ने राजू कुमार शर्मा के हाथों प्रशिक्षण लिया और सुमित डोंगरा अकादमी में क्रिकेट मैच खेला 

क्रिकेटर बनने का सफर 

विराट नववी  कक्षा में थे जब उन्हें क्रिकेट प्रशिक्षण में मदद मिलने के लिए सेविएर  कॉन्वेंट मैं भेज दिया गया । विराट क्रिकेट खेल के साथ साथ पढ़ाई में भी अच्छे थे।  विराट ने आपनी प्राथमिक पढ़ाई विशाल भारती पब्लिक स्कूल से पूरी की ।उनके शिक्षक उन्हें एक होशियार और बुद्धिमान बच्चा बताते है । लेकिन उन्हें ज्यादातर क्रिकेट में रूचि हने के कारण , 12वि कक्षा तक ही पढ़े। उसके बाद उन्होंने अपना पूरा ध्यान क्रिकेट पर लगाना शुरू कर दिया ।   

 विराट कोहली दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं जिन्होंने साल 2002 में अंडर -15  प्रतियोगिता खेली थी । 2004 के अंत तक उन्हें अंडर-17 दिल्ली टीम का सदस्य बनाया गया था। तब विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए खेली थे । यह उनका पहला विजय मर्चेंट ट्रॉफी मैच था । इस 4मैच की सीरीज में उन्होंने  450 से ज्यादा रन बनाने थे। 2005 में यानी कि अगले साल विजय मर्चेंट ट्रॉफी में उन्होंने 7 मैचों में 757 रन बनाकर सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड बना लिया । 

जुलाई 2006 को विराट कोहली को  अंडर-19 खिलाड़ियों में चुना गया। और उनका पहला विदेश टूर इंग्लैंड साबित हुआ। इस टूर में विराट ने 3 एकदिवसीय मैच खेले इस मैच में उन्होंने 105  रन बनाए थे। और इसी टूर में 3 टेस्ट मैच में 49 रन बनाए थे । तब भारत दोनों सीरीज जीतकर लौटा था। उसी साल पाकिस्तान के खिलाफ अंडर-19 क्रिकेट मैं विराट ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। इसी कारण विराट को अंडर-19 क्रिकेट में एक स्थायी खिलाड़ी के रूप में रख लिया।

18 दिसंबर 2006 मैं उनके पिता का ब्रेन स्ट्रोक की वजह से कुछ दिन बीमार रहने के बाद उनकी मौत हो गई ।  तब विराट का दिल्ली वर्सेस कर्नाटका रणजी ट्रॉफी का मैच चल रहा था । विराट को यह बात पता चलने के बाद भी , उन्होंने अपना मैच अधूरा नहीं छोड़ा। बल्कि उस मैच को पूरा करके उसमें जीत हासिल की ।और फिर वापस आकर अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। विराट बताते है कि उनके पापा जाने के बाद उन्हें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा उनका परी वारिक  व्यवसाय ठीक नहीं चल रहा था जिसके कारण उन्हें किराए के मकान में रहना पड़ा। 

  2008 मैं अपने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय शुरुआत की और 2011 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा बने थे ।2012 मैं आईसीसी वनडे प्लेयर के प्राप्तकर्ता थे । नवंबर 2013 में उन्होंने पहली बार वनडे बल्लेबाज में शीर्ष स्थान पाया था।

2014 टेस्ट टीम कप्तान 

   महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट मैचों से संन्यास लेने के बाद। विराट को टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया। 

2015-2020  मैच में वह 1000 रन बनाकर सबसे तेज बैट्समैन बने । विराट कोहली ने अब तक कई पुरस्कार भी हासिल किए हैं।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Struggle story of Rohit zinjurke / सेल्समैन का काम करने से लेकर 1 स्टार बनने तक का सफर

 रोहित ने अपने वीडियो से लोगो के सामने अपनी एक अलग पहचान  बनाई है। रोहित attitude , slow motion, expression, and action के वीडियो  बनाते है सात ही इन्ह विडियो को लोगो द्वारा काफी पसंद भी किया जाता है । आज रोहित को अपने टैलेंट के कारण हर कोई पहचानता है साथ ही  आज ये  लोगों के लिए  किसी superstar , film star से कम नही है । लेकिन रोहित का जीवन पहले से ही ऐसा नहीं था उन्होंने ये मुकाम कढ़ी मेहनत और लगन से हासिल किया है ।      बचपन   रोहित का जन्म 9 अप्रैल 2000 सूरत (गुजरात) मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार मैं हुआ ।  परिवार मैं अभी केवल 3 लोग है रोहित  उनकी मां  और उनकी बहन रोहिणी जो की अभी कॉलेज में पढ़ती है  ।आगर बात की जाए उनके पापा की तो उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारी कभी ली ही  नही , रोहित और उनकी मां से वे अलग रहते थे । हाल ही मैं उनकी मृत्यु हो गई है । रोहित की मां ने रोहित और उनकी बहन रोहिणी को खुद काम करके उन्हें ना सिर्फ पाला  बल्कि पढ़ाया लिखाया भी ।  रोहित ने आपनी स्कूल की पढ़ाई सूरत के स्कूल से  पूरी की। पढ़ाई लिखाई मैं  वो अच्छे खासे थे । रोहित ने ये खुद बताया है कि वे जब  स्कू

nick vujicic success story / हाथ पैर ना होते हुए भी कैसे खड़ी कर दी करोड़ों रुपयों की प्रॉपर्टी ?

आगर जिंदगी में कुछ समस्याएं आए तो बहुत लोग खुदको कोसते रहते है ।  उनमें से कही लोग तो ये भी सोचते है ऐसा मेरे साथ ही क्यू होता है ?  हमेशा मुसीबत मुझे ही क्यू आती है ? मेरी  ही जिंदगी ऐसी क्यों है?  और इसी सोच के कारण   वो हर मान  लेते है ।   समस्याएं  तो जिंदा लोगों के नासिब में  ही आती  है ।  मुर्दों के लिए तो लोग रास्ता भी छोड़ देते है । बचपन  निक वुजिसिक का जन्म 4 दिसंबर 1982  मेलबर्न ,ऑस्ट्रेलिया मैं हुआ उनके पिता का नाम बोरिस्लाव  तथा उनकी मां का नाम हुशांका वुजिसिक उनके पिता अकाउंटेंट का काम करते थे और उनकी मां एक  हॉस्पिटल मैं नर्स का काम करती थी ।  जब निक का जन्म हुआ तो उनको जन्म से ही   हात और पैर नही थे । उनके जन्म के बाद। नर्स उन्हें उनकी मां के पास रखा तो उनकी मां ने उन्हें देखने और छूने से तक माना कर दिया। लेकिन थोड़े समय के बाद उनकी मां ने उनको स्वीकार कर लिया । निक वुजिसिक को दो छोटे पैर विकृत पैर है  मूल रूप से वह पैर के पंजे के सात पैदा हुए थे । लेकिन वह उसका  इस्तेमाल नहीं कर सकते थे । इसीलिए उसका ऑपरेशन करना पड़ा ताकि वो भविष्य मैं किताबो के पृष्ट को मोड़ सके या उसस

sylvester stallone kaise bane actor ? Sylvester Stallone struggle story

 परिचय  सिल्व्हस्टर स्टेलोन  का पूरा नाम माइकल सिल्व्हस्टर गार्डनजिओ  स्टैलॉन है । लेकिन लोग उन्हें सिल्व्हस्टर स्टेलोन के नाम से जानते है ।  वो आज दुनिया के  बेहतरीन  एक्टरों  में से एक माने  जाते  है । उन्होंने यह मुकाम कड़ी मेहनत , कंसिस्टेंसी , और पॉजिटिविटी से यह मुकाम हासिल किया है ।  बचपन  सिल्व्हस्टर स्टेलोन का 6 जुलाई 1946 मैं हुआ । जब उनका जन्म हुआ तब डिलीवरी में कुछ कॉम्प्लिकेशंस हो गए थे , डॉक्टरों  द्वारा डिलीवरी करते समय एक चिमटी का उपयोग करते समय उनकी नस टूट  गई जिसके कारण  उनका आधा चेहरा पैरालाइज हो गया था ।   उनके जन्म होने के कुछ सालो बाद  उनके माता-पिता का किसी कारण तलाक हो गया जिसके कारण उन्हें मां बाप का प्यार ठीक से नहीं मिल पाया । उनके मां-बाप का तलाक होने के बाद उन्होंने फिलाडेल्फिया मैं  नोट्रे डेम नाम की अकादमी और लिंकन हाई स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की । वह पढ़ाई में इतनी अच्छी नहीं थी उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था । पढ़ाई करने से ज्यादा एक्टिंग करने में ज्यादा इंटरेस्ट था । बचपन से ही एक्टिंग करने का बड़ा शौक था ।  एक्टिंग सिख ली    पढ़ाई में दिलचस्पी ना होने