david warner की दर्द भरी कहानी /वापसी ऐसी करो कि दुनिया देखती रह जाए / गरीबी , मेहनत , बदलाव की आचार्य आत्मक कहानी
परिचय
डेविड वॉर्नर एक ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर ,राइटर है । दुनिया में कई सारे लोग वॉर्नर को उनकी आकर्षक बल्लेबाजी तथा अभद्र भाषा प्रयोग के लिए पहचानते हैं । तथा कुछ लोग 2018 में हुए बॉल टेंपरिंग की वजह से पहचानते हैं । यह एक बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक है इन्हे वन ऑफ द मोस्ट सक्सेसफुल प्लेयर ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट हिस्ट्री के लिए भी जाना जाता है । वरना क्रिकेट इतिहास सालों में से पहले क्रिकेटर हैं जिन्होंने ब्रिसबेन में शतक बनाया । एक गरीब घर में जमने से लेकर एक बेहतरीन खिलाड़ी बनने की इनकी कहानी हम सभी के लिए काफी प्रेरणादाई है । ये एक ऐसे खिलाड़ी है जिनकी हम हार से भी सीख सकते हैं और जीत से भी ।
जन्म,परिवार
वॉर्नर का जन्म कि 20 अक्टूबर 1986 ऑस्ट्रेलिया के शहर सिडनी में हुआ । इनके पिता का नाम होवार्ड वॉर्नर तथा मां का नाम लॉरेन वॉर्नर है । डेविड वॉर्नर बचपन से ही 33 और क्रिकेट का बहुत शौक रहा है । उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण उनका ज्यादातर बचपन अभाव में ही गुजरा । उनके पिता होवार्ड एक फैक्ट्री में वर्कर का काम किया करते थे और उनकी मां लॉरेन एक नर्स थी ।
10 साल की उम्र से की क्रिकेट की शुरुआत, जिसके लिए करना पड़ा एक सुपर मार्केट में काम ।
डेविड वॉर्नर का क्रिकेट के प्रति आकर्षण देखते हुए उन्हें उनके पिता ने एक लॉ बजट बैठ गिफ्ट की । तब उनकी उम्र 10 साल थी । 13 साल की उम्र में उनके कोच ने बार-बार बॉल हवा में मारने के कारण उन्हें दाया हाथ से बल्लेबाजी करने की सलाह दी । पर एक सीजन के बाद उनकी मां ने उन्हें फिर से बाए हाथ से बल्लेबाजी करने की सलाह दी । जिसका नतीजा यह हुआ । सिडनी कोस्टल क्रिकेट क्लब के लिए खेलते हुए उन्होंने अंडर 16 में सबसे ज्यादा रनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया । घर के आर्थिक हालात देखते हुए डेविड वॉर्नर मैं अपना खुद का खर्च निकालने के लिए एक सुपर मार्केट में पार्ट टाइम जॉब करनी शुरू कर दी । इन मुश्किल हालातों में भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी ।
33 गेंदों में 89 रन बनाकर अपना डेब्यू यादगार बना दिया
डोडोमेस्टिक क्रिकेट में खेलते हुए डेविड वॉर्नर ने कई सारी जबरदस्त परिया खेली । 11 जनवरी 2009 को डेविड वॉर्नर पहले ऑस्ट्रेलिया क्रिकेटर बने जिन्होंने बिना फर्स्ट मैच खेले इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना डेब्यू दिया । मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलते हुए । 33 गेंदों में 89 रन बनाकर उन्होंने अपने डेब्यू को यादगार बना दिया । कुछ ही समय के बाद वे ऑस्ट्रेलिया के t20 टीम मे खेले । अब तक उन्होंने कितने मैचेस अपने बलबूते पर जीते हैं । डेविड वॉर्नर आईपीएल का भी हिस्सा बने और दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइजर्स हैदराबाद जैसी बड़ी टीम का हिस्सा बने ।
बॉल टेंपरिंग करते हुए पकड़े गए ।
मार्च 2018 में दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के खिलाफ केपटाउन में खेले गए टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में उन्होंने और उनके कुछ खिलाड़ियों के साथ छेड़छाड़ की जिसके कारण उनके ऊपर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने 1 साल का प्रतिबंध लगा दिया । डेविड वॉर्नर के लिए यह पल उनकी पूरी लाइफ के सबसे मुश्किल पल रहे होंगे । इतनी मेहनत के बाद उन्होंने जो सफलता प्राप्त की वह एक पल में चली गई । इस घटना ने उन्हें पूरी तरह बदल दिया ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें