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Success story of remo D'Souza / 2600 रुपए लेकर आए थे मुंबई / मुंबई रेलवे स्टेशन पर सोना पड़ा था कई दिन

परिचय

रेमो डिसूजा का असली नाम रमेश गोपी नैर है । रेमो डिसूजा भारत के प्रसिद्ध कोरियोग्राफर ,फिल्म निर्देशक ,फिल्म डायरेक्टर, अभिनेता और डांसर है । इन्होंने कई टीवी कार्यक्रम भी जज किए हैं । और छोटे पर्दे के द्वारा घर-घर में अपनी पहचान बनाई है । आज रेमो डिसूजा लाखों करोड़ों लोगों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं । इनके डांस का हर कोई दीवाना है । इन्होंने भारतीय सिनेमा में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है । लेकिन इनकी लाइफ पहले से ही ऐसी नहीं  थी । यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें कई संघर्ष किस लिया करनी पड़ी है । 

जन्म

रेमो डिसूजा का जन्म 2 अप्रैल 1972 भारत के बेंगलुरु जामनगर एयर फोर्स कॉलोनी के दरवट क्वार्टर में हुआ । उनके पिता का नाम गोपी नैर है । और वे इंडियन आर्मी में एक कुक की नौकरी किया करते थे तथा उनकी मां का नाम माधवियाम्मा नैर है । रेमो डिसूजा को उनके अलावा एक भाई और चार बहने है ।   

झाड़ू पोछा और बर्तन धोने का काम किया 

परिवार में सिर्फ  रेमो डिसूजा के पिताजी ही कमाने वाले थे । उनकी सैलरी इतनी नहीं होती थी कि वह अपने साथ-साथ अपनी बीवी और बच्चों का ठीक तरह से पालन पोषण कर सके इसीलिए रेमो डिसूजा की मां लोगों के घर में झाड़ू पोछा और बर्तन धोने का काम किया  करती थी । रेमो डिसूजा बताते हैं कि जब मैं छोटा था तब मैं अपनी मां को लोगों के घर में झाड़ू पोछा , बर्तन धोते वक्त देखता था तो मैं मदद के लिए उसके साथ जाता था । और सोचता रहता था कि कब मैं अपने परिवार को इन सब चीजों से दूर लेकर जाऊंगा । 

 माइकल जैक्सन के वीडियो को देखकर डांस की प्रैक्टिस किया करते थे।  

रेमो डिसूजा को बचपन से ही डांस का बड़ा शौक रहा है । लेकिन पैसों की कमी के कारण उन्होंने कभी भी किसी डांस क्लास से डांस की ट्रेनिंग नहीं ली । बचपन से ही वे माइकल जैक्सन के काफी बड़े फैन थे । इसीलिए उन्होंने माइकल जैक्सन के वीडियोस को देखकर डांस की ट्रेनिंग ली मैं माइकल के डांस मुंह को देखकर उसमें अपने स्टेप्स खुद कोरियोग्राफ करते थे और सिखाते थे । 

डांस करियर 

26 जुलाई 1993 मैं जब सपनों के शहर मुंबई में आए तो उनका रगल पहले से काफी ज्यादा बढ़ गया क्योंकि उनकी मुंबई में कोई पहचान नहीं थी ना कोई दोस्त ,रिलेटिव था । ऐसे में इतने बड़े शहर में रहना कहां है यह सवाल उनके सामने था ऐसे में उन्हें  2 दिन तक रेलवे स्टेशन पर ही सोना पड़ा । किस्मत से उन्हें फ्रेंड के फ्रेंड का एक कांटेक्ट मिला जिसके कारण रहने  के लिए ग्रैंड फोर्ड मैं एक जगह मिली जहां पर वे एक परदेसी परिवार के साथ चोवल में एक छोटे से रूम में रहने लगे । रेमो डिसूजा जब मुंबई आए थे तो उनके पास सिर्फ सपने थे  और जेब में ₹2600 थे । काम की तलाश में शुरू में वह काफी घूमे लेकिन उन्हें कहीं पर भी काम नहीं मिला । बहुत कोशिश करने के बाद उन्हें एक डांस क्लास में ब्रेक डांस टीचर की नौकरी मिल गई।  

रेमो डिसूजा डांस क्लास में ब्रेक डांस सिखाने के साथ-साथ वहां पर बाकी लोगों का डांस देखकर खुद भी नए-नए स्टेप्स सीखने इसके अलावा वे  लोगों के घर घर जकर  बच्चों को डांस सिखाने लगे । मुंबई में धीरे-धीरे उनके दोस्त बनने शुरू हो गए , शुरुआत में उनके चार  दोस्त बन गए । उन्होंने आपने इस चार दोस्तों के साथ मिलकर एक डांस ग्रुप बनाया जिसका नाम सुपर ब्रेट्स रखा गया । मुंबई में जहां पर भी लोकल डांस कंपटीशन होता तो इनका ग्रुप उस कंपटीशन में पार्टिसिपेट करते थे । अगर कंपटीशन जीत जाते तो बदले में उन्हें पैसे मिलते थे । इन्ही पैसे से वे अपनी जरूरतों को पूरा करने लगे । 

1994 उनकी टीम ने डांस के रियलिटी शो ऑल इंडिया डांस शो में पार्टिसिपेट किया और वहां पर उनकी टीम फर्स्ट आई जिसके कारण उन्हें एक बहुत बड़ा start-up मिल गया । क्योंकि फिल्म इंडस्ट्री की नजर उनके ऊपर पड़ गई थी । उस वक्त येहमद खान के रंगीला फिल्म का गाना कोरोग्राफ हो रहा था । उसमें रेमो डिसूजा को बैकग्राउंड डांस का रोल दिया गया । पहले तो उनके सावले रंग और बॉडी को  देख कर मना कर दिया था । 

लेकिन उनकी डांस के टैलेंट को देखकर उन्हें वह मौका मिल गया । येहमद खान ने  रेमो डिसूजा के टैलेंट को देखते हुए अपना असिस्टेंट बना लिया । उसके बाद उन्होंने असिस्टेंट का काम करते करते सीख लिया था की फिल्मों में गाने किस तरह से कोरियोग्राफ किए जाते हैं । कुछ वक्त बाद उन्हें दीवाना नाम का गाना कोरियोग्राफ करने का मौका मिला यह गाना उस समय हिट साबित हुआ । उसके बाद उन्होंने कई सारे गाने कोरियोग्राफ किए । लेकिन कांटे फिल्म का इश्क समंदर गाने नहीं उनकी जिंदगी बदल दी । उसके बाद उन्हेंने कई बड़े बड़े डायरेक्टर के साथ कोरियोग्राफर का काम किया । बॉलीवुड के अलावा साउथ फिल्में भी की । 

इसके अलावा डांस रियलिटी शो DID (dance India dance ) मैं उन्हें जज बनने का मौका मिला । पहले तो उन्होंने इसके लिए मना कर दिया था लेकिन बाद में वह इसके लिए मान गए थे । 2013 उन्होंने अपनी खुद की ABCD ( anybody can dance ) नाम की फिल्म बनाई । 2015 मैं उन्होंने ABCD-2 फिल्म बनाई । यह फिल्म 2015 में ब्लॉकबस्टर साबित हुई और साथ ही सबसे ज्यादा कमाई करने वाली तीसरी फिल्म साबित हुई । उन्होंने अब तक कई सारी फिल्में की है । इसी के साथ आज रेमो डिसूजा सक्सेस की बुलंदियों को छू रहे हैं । इनकी संघर्ष भरी जीवनी से हमें काफी प्रेरणा मिलती है

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